आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve

आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve

दोस्तों, आप सभी मसीही भाई बहनों का हमारे एक और लेख के माध्यम से  Yeshu Aane Wala Hai Blog मैं स्वागत है। आज के इस लेख के माध्यम से हम जानने वाले हैं, आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve आज इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा, कि कैसे परमेश्वर ने मनुष्य की सृष्टि की और कैसे पहले आदम और हव्वा को बनाया? और उन दोनों के रहने के लिए एक सुंदर बाग भी बनाया जिसे अदन की वाटिका कहा गया। परंतु मनुष्य ने परमेश्वर की आज्ञा ना मानकर पाप किया, और मनुष्य परमेश्वर की संगति से दूर हो गए।

और इस लेख में हम जगत के पहले हत्यारे के बारे में भी जानेंगे, जिसने अपने भाई की ही हत्या की थी। और मनुष्य को पाप में ले जाने के लिए शैतान ने किस तरह से सांप का इस्तेमाल किया। इन सब बातों को भी आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे। इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें, ताकि आप इन बातों को और अच्छे से समझ सके। धन्यवाद

अदन की वाटिका

तब प्रभु परमेश्वर ने अदन नामक स्थान पर एक वाटिका लगाई। वहां आदम को जिसे परमेश्वर ने अपने स्वरूप और समानता के अनुसार भूमि की मिटटी से रचा था रख दिया। परमेश्वर ने सब प्रकार के सुंदर फलों के वृक्षों को भी बनाया। वाटिका के बीचों-बीच में दो वृक्ष थे, उनमें से एक वृक्ष जो जीवन का वृक्ष था, और दूसरा वृक्ष जो मनुष्य को भले और बुरे का ज्ञान पाने में सहायता करने वाला वृक्ष था। फिर परमेश्वर ने अदन की वाटिका की देखभाल करने के लिए आदम को वहां रख दिया। परमेश्वर ने आदम से कहा, तू इस वाटिका के किसी भी वृक्ष का फल खा सकता है जिन वृक्षों में फल आते हैं। परंतु एक बात याद रखना कि जो वृक्ष इस वाटिका के बीच में है, जो भले और बुरे का ज्ञान देने में मनुष्य की सहायता करता है तू उसका फल कभी ना खाना। यदि तू उसका फल खाएगा तो यह जान ले, कि तू निश्चय मर जाएगा। उत्पत्ति 2:8-9, 15-17,

आदम और हव्वा ने सब कुछ बिगाड़ दिया

आदम और हव्वा की कहानी में आगे बढ़ने से पहले कुछ बातों को जान लेना बहुत जरूरी है। जैसे की जब आदम और हव्वा को बनाया था, तो उन लोगों के अंदर कोई भी पाप नहीं था। और ना ही इस संसार में कुछ भी खराब हुआ था। परंतु हव्वा ने सांप के ( शैतान ) बहकावे में आकर परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ा, और अपने पति आदम को भी ऐसा करने के लिए कहा।

और आदम और हव्वा के आज्ञा का उल्लंघन करने की वजह से पाप इस जगत में फैल गया, और इस प्रकार से आज जितने भी मनुष्य संसार में है वे सब पापी है। क्योंकि हम सब के आदि माता-पिता आदम और हव्वा है।


आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve

परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन

आदम और हव्वा-यह कहानी प्रथम मनुष्य आदम और उसकी पत्नी हव्वा की है। यह उस प्रश्न का उत्तर देती है जो बहुत से लोग पूछते हैं, यदि परमेश्वर ने सब कुछ अच्छा बनाया, तो फिर संसार में बुराई क्यों है? परमेश्वर आदम और हव्वा को और हमें भी प्रसन्न देखना चाहता है। सच्ची प्रसन्नता उन्हीं के लिए है जो परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं।

सांप परमेश्वर के द्वारा बनाए गए सभी जानवरों में सबसे चालाक था। सांप ( शैतान ) ने स्त्री से पूछा, क्या परमेश्वर ने तुमको सचमुच में यह कहा है कि इस वाटिका का के किसी भी वृक्ष का फल तुम लोग नहीं खा सकते हो? स्त्री ने उसे उत्तर दिया, परमेश्वर ने कहा है, कि तुम इस अदन नमक वाटिका के किसी भी वृक्ष के फल को खा सकते हो, परंतु जो वृक्ष वाटिका के बीच में है उस वृक्ष में से फल नहीं खा सकते। परमेश्वर ने हमसे कहा है कि न तो उसके फल को खाना और न ही उसे छूना। यदि हम ऐसा करेंगे तो हम मर जाएंगे।

सांप ने उत्तर दिया, यह बात सच नहीं है। उस फल को खाने से तुम नहीं मारोगे। परंतु परमेश्वर ने यह इसीलिए कहा है, क्योंकि परमेश्वर यह जानता है कि जब तुम उस फल को खाओगे, तो तुम भी परमेश्वर के समान हो जाओगे। और तुम्हें भी भले और बुरे को समझने का ज्ञान प्राप्त होगा।

मनुष्य के द्वारा इस जगत का पहला पाप

जब हम बाइबल में आगे आदम और हव्वा की कहानी को पढ़ते हैं, तो हम जान पाते है, कि किस तरह से शैतान के बहकावे में आकर हव्वा ने खुद तो पाप किया, और साथ ही साथ अपने पति आदम को भी पाप करने के लिए प्रेरित किया। जिस काम को परमेश्वर ने करने से आदम को मना किया था, उसी काम को उसकी पत्नी ने सबसे पहले किया।

जबकि आदम को यह करना चाहिए था, कि जब उसकी पत्नी हव्वा उसके पास आकर यह कह रही थी कि तुम भी इस फल को खा लो। तो आदम को उसे मना कर देना चाहिए था। परंतु आदम ने ऐसा नहीं किया और उसने भी अपनी पत्नी की बात मान ली।

इस संसार में पहला पाप

स्त्री ने सोचा, जिस वृक्ष के बारे में परमेश्वर ने हमें मना किया है, यह वृक्ष कितना सुंदर है। इसलिए इसका फल खाने में और भी अच्छा होगा। और जब हम इसका फल खाएंगे तो हम बुद्धिमान बन जाएंगे तो कितना अद्भुत होगा। इसीलिए हव्वा ने उस वृक्ष में से कुछ फल को तोड़ लिया और उसमें से खाया। और फिर स्त्री ने अपने पति आदम को भी वह फल ले जाकर खाने को दिया, और फिर आदम ने भी उस फल को खाया।

जब आदम और हव्वा ने उस फल को खाया, उसी समय उनको यह पता चल गया, कि वे भले और बुरे को समझने लगे हैं। और उन्हें यह पता चल गया की वे नंगे हैं। तब उन्होंने अंजीर के पेड़ से पत्तों को तोड़ा और उसको जोड़-जोड़ कर अपने लिए एक वस्त्र बनाकर खुद को ढक लिया।

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परमेश्वर का वाटिका में आना

संध्या के समय उन्होंने प्रभु परमेश्वर की वाटिका में घूमने की आवाज सुनी। आदम और हव्वा परमेश्वर से बचने के लिए पेड़ों के बीच में जा छुपे। परंतु प्रभु परमेश्वर ने आदम को आवाज देकर बुलाया और कहा, आदम तू कहां है? आदम ने परमेश्वर को उत्तर दिया, हे प्रभु परमेश्वर मैंने वाटिका में तेरी चलने की आवाज सुनी। और मैं डर गया था इसलिए मैं तुझे छुप गया हूं, क्योंकि मैं नंगा था।

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम से पूछा, आदम तुझ को किसने बताया है कि तू नंगा है? क्या तूने वह फल खा लिया है इसके विषय में खाने से मैंने तुझे मना किया था? इस पर आदम ने परमेश्वर को उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु परमेश्वर जिस स्त्री को तूने मेरे साथ रहने के लिए दिया था उसी ने सबसे पहले यह फल खाया और फिर मुझे भी लाकर खाने को दिया, और फिर मैंने उस फल को खा लिया।

परमेश्वर के द्वारा मनुष्य को श्राप

यहोवा परमेश्वर ने स्त्री ( हव्वा ) से कहा, तूने मेरे मना करने के बाद भी उस फल को क्यों खाया? स्त्री ने परमेश्वर को उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु परमेश्वर मुझे सांप ने बहका दिया था, इसलिए मैंने उस फल को तोड़कर खाया। तब यहोवा परमेश्वर ने सांप से कहा, तूने जो यह किया है, इसलिए तुझे इस काम के कारण दंड मिलेगा। सब जानवरों में केवल तू ही श्रापित होगा। जब तक तू जीवित रहेगा, तब तक तू अपने मुँह से मिट्टी को चांटा करेगा। और मैं तेरे और इस स्त्री के वंश के बीच में बैर उत्पन्न करूंगा।

स्त्री की संतान और तेरे संतान आपस में शत्रु होंगे। उसका वंश तेरे सर को कुचल डालेगा। और तू उसकी एड़ी को डसेगा। और उसके बाद परमेश्वर ने आदम और हव्वा को भी श्राप दिया और उनसे कहा, कि अब से तुम दोनों भी श्रापित हो, हव्वा पीड़ा में होकर संतान को जन्म देगी। और आदम कष्ट उठाएगा और अपने पसीने को बहाकर मेहनत करके खाएगा।

आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve

आदम और हव्वा को वाटिका से निकाला जाना

आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, क्योंकि वह सारी मानव जाति की आदिमाता थी। फिर प्रभु परमेश्वर ने आदम और हव्वा के लिए एक जानवर के खाल से कपड़े बनाए और उन्हें पहना दिए।

इसके बाद यहोवा परमेश्वर ने कहा, अब मनुष्य ने भी उस फल को खा लिया है, और भले और बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के सामान हो गया है। इसीलिए हम उसे वृक्ष का फल मनुष्य को खाने ना दें, जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, और जो जीवन देता है। यदि वह ऐसा करता है तो वह अनंत काल तक जीवित रहेगा। इस कारण प्रभु परमेश्वर ने आदम और हव्वा को अदन की वाटिका से बाहर निकाल दिया। तब से लेकर मनुष्य को कठिन परिश्रम करके उसे मिट्टी में से अपना भोजन पैदा करना पड़ता है जिसमें से परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया। उतपत्ति 3:1-15,20-23,

दुनिया का पहला झगड़ा

आदम और हव्वा इस कहानी में, मैं कुछ और चीजों को भी आपको बताना चाहता हूं। कि जब लोग परमेश्वर के मार्गों पर नहीं चलते तब क्या होता है। कैन और हाबिल, यह दोनों आदम और हव्वा के बच्चे थे। एक दिन कैन परमेश्वर को भेंट चढ़ने के लिए अपने खेत की उपज में से उत्तम वस्तु लेकर आया। और हाबिल भी अपनी भेंट में से एक पहलौठा बच्चा भेंट के लिए लाया। उसने उसे मार कर उसका अच्छा हिस्सा प्रभु को दे दिया।

परमेश्वर हाबिल और उसकी भेंट से प्रसन्न था। परंतु कैन और उसकी भेंट से परमेश्वर प्रसन्न न था। इसीलिए कैन बहुत क्रोधित हो गया। तब प्रभु परमेश्वर ने कैन से पूछा, तू इतना क्यों हो रहा है? तूने ठीक वस्तु भेंट नहीं चढ़ाई इसीलिए तू अप्रसन्न है। पाप तुझे पकड़ने पर है, पाप तुझ पर प्रबल होना चाहता है, परंतु तुझे पाप पर प्रबल होना है।

आदम और हव्वा की कहानी | Story of Adam and Eve

दुनिया का पहला हत्या

एक दिन कैन ने अपने भाई हाबिल से कहा, आओ हम दोनों बाहर खेतों में चले। जब वे दोनों खेतों में पहुंचे, तो कैन ने अपने भाई को मार डाला। जब परमेश्वर ने कैन से पूछा, कि तेरा भाई हाबिल जो तेरे साथ आया था वह कहां है? इस पर कैन ने परमेश्वर को उत्तर दिया, मुझे तो नहीं मालूम की हाबिल कहां है। क्या अपने भाई की देखभाल करना मेरा काम है?

तब प्रभु ने कहा, तूने ऐसा बुरा काम क्यों किया है? तेरे भाई की हत्या का दंड तुझे अवश्य मिलेगा। तू अब श्रापित होगा। तू कुछ भी उत्पन्न ना कर सकेगा। तूने अपने भाई को मारा है, इसीलिए भूमि तेरे लिए फसल नहीं उपजायेगी।

कैन ने प्रभु से कहा, प्रभु यह दंड मेरे लिए बहुत भारी है। तू मुझे भूमि पर से और अपने पास से दूर भगा रहा है। यदि मेरा कोई घर नहीं होगा, तो कोई भी जो मुझे पाएगा मुझे मार डालेगा।परंतु प्रभु ने कहा, जो तुझे मारेगा मैं उसे दंड दूंगा। इसीलिए प्रभु ने दूसरों की चेतावनी के लिए कैन को एक चिह्न दिया ताकि वे उसे ना मारे। और कैन जो आदम और हव्वा का बेटा था, जो प्रभु से दूर चला गया।



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