प्रभु यीशु मसीह के नाम पर सभी ईसाई भाइयों और बहनों को मसीह की! “Yeshu Aane Wala Hai” ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम इस लेख के माध्यम से बात करने जा रहे हैं कि यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा, के बारे में।
बाइबल बताती है कि यीशु मसीह का दूसरा आगमन में देरी परमेश्वर के धैर्य का प्रमाण है, ताकि हर पापी मन फिराए और उद्धार पाए हुए लोग भी तैयार हों। यह लेख संकेतों, प्रेम और न्याय के संतुलन, और हमारी जिम्मेदारी पर प्रकाश डालता है।
यीशु मसीह का दूसरा आगमन एक निश्चित सत्य है, जैसा कि बाइबल में वादा किया गया है, लेकिन इसका सटीक समय कोई नहीं जानता। परमेश्वर ने इसे रहस्य रखा है ताकि हम हमेशा तैयार रहें। यह अनिश्चितता हमें सतर्क और विश्वास में दृढ़ रखती है। (मत्ती 24:36)
यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा?
यीशु मसीह का दूसरा आगमन मसीही विश्वासियों का एक केंद्रीय और रहस्यमय पहलू है। बाइबल इस घटना को गौरवशाली और न्यायपूर्ण बताती है, जब मसीह धरती पर लौटेंगे, अपने लोगों को इकट्ठा करेंगे और दुनिया का अंतिम न्याय करेंगे।
लेकिन हर मसीही विश्वासी के मन में यह सवाल उठता है कि “यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा?” बाइबल हमें स्पष्ट समय नहीं बताती है, बल्कि संकेत देती है कि परमेश्वर का समय और उसकी योजना हमारी समझ से परे है।
फिर भी, बाइबल का अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि इस देरी के पीछे परमेश्वर की दया और प्रेम छिपा हुआ है। जोकी एक मसीही विश्वासी के लिए बहुत ही जरूरी है और हमें बाइबल के इन सारी बातों पर विश्वास भी करना चाहिए।
परमेश्वर का धैर्य: पापियों के लिए एक अवसर
यीशु मसीह का दूसरा आगमन अभी तक क्यों नहीं हुआ है? इसका एक मुख्य कारण परमेश्वर का धैर्य है। परमेश्वर नहीं चाहता कि कोई भी मनुष्य नाश हो, बल्कि वह चाहता है कि सभी को पश्चाताप करने का अवसर मिले (2 पतरस 3:9)।
यह देरी उसके क्रोध का संकेत नहीं है, बल्कि उसकी दया का प्रमाण है। बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर का हृदय उन लोगों के लिए तरसता है जो अभी तक अपने पापों से दूर नहीं हुए हैं।
यीशु मसीह का दूसरा आगमन तब तक के लिए स्थगित कर दिया गया है जब तक कि सुसमाचार की घोषणा हर राष्ट्र और हर भाषा तक नहीं पहुँच जाती (मत्ती 24:14)। यह परमेश्वर की इच्छा है कि उसके प्रेम का संदेश हर खोए हुए व्यक्ति तक पहुँचे।
जब हम दुनिया में अंधकार और पाप को बढ़ते हुए देखते हैं, तो यह सोचना स्वाभाविक है कि यीशु मसीह का दूसरा आगमन अब निकट होना चाहिए। लेकिन परमेश्वर का समय हमारी अधीरता से निर्धारित नहीं होता है।
वह हर उस आत्मा को देखता है जो अभी तक उसके पास नहीं लौटी है। उसकी देरी हमें याद दिलाती है कि उद्धार का द्वार अभी भी खुला है, और यह हर पापी को अपना जीवन बदलने का निमंत्रण है।
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उद्धार पाए हुए लोगों की तैयारी
यीशु मसीह का दूसरा आगमन केवल पापियों के लिए प्रतीक्षा करने का विषय नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो पहले से ही मसीह में विश्वास करते हैं।
बाइबल हमें चेतावनी देती है कि विश्वासियों को भी अपने जीवन की जाँच करने और पवित्रता में बढ़ने की आवश्यकता है (1 थिस्सलुनीकियों 5:23)। परमेश्वर की योजना में यह देरी इसलिए भी है ताकि उसका चर्च – उसके लोग – उस दिन के लिए तैयार हो सकें।
यीशु ने स्वयं कहा कि वह रात में चोर की तरह अप्रत्याशित समय पर वापस आएगा (मत्ती 24:44)। यह हमें सतर्क रहने और अपने जीवन को व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित करता है।
ऐसे समय होते हैं जब बचाए गए लोग भी अपने विश्वास में ढीले पड़ जाते हैं। वे दुनिया के आकर्षण में उलझ जाते हैं या प्रभु की सेवा करने के लिए उत्साह खो देते हैं। यीशु मसीह का दूसरा आगमन जल्द नहीं आ रहा है क्योंकि परमेश्वर चाहता है कि उसका चर्च शुद्ध और निर्दोष हो (इफिसियों 5:27)।
यह देरी हमें आत्म-परीक्षण के लिए समय देती है – क्या हम वास्तव में उस महान दिन के योग्य हैं? और तैयार है?
बाइबल में यीशु मसीह के आगमन के संकेत
बाइबल हमें यह जानने के लिए कुछ संकेत देती है कि यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा। यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि उनके आगमन से पहले युद्ध, अकाल, भूकंप और झूठे भविष्यद्वक्ताओं का उदय होगा (मत्ती 24:6-7)।
ये संकेत हमें यह समझने में मदद करते हैं कि समय निकट आ रहा है। लेकिन साथ ही, ये संकेत हमें यह भी बताते हैं कि परमेश्वर की योजना अभी पूरी नहीं हुई है। जब तक सब कुछ तय समय पर नहीं हो जाता, तब तक यीशु मसीह का दूसरा आगमन स्थगित रहेगा।
हम आज अपने चारों ओर ये संकेत देख सकते हैं। प्राकृतिक आपदाएँ, नैतिक पतन और सुसमाचार का प्रसार—ये सभी उस महान दिन की ओर इशारा करते हैं। फिर भी, परमेश्वर का धैर्य हमें याद दिलाता है कि उसकी प्रतीक्षा का उद्देश्य उद्धार है, विनाश नहीं।
यीशु मसीह का दूसरा आगमन तब होगा जब परमेश्वर का समय सही होगा, और केवल वही उस समय को जानता है (प्रेरितों के काम 1:7)।
देरी का उद्देश्य: प्रेम और न्याय का संतुलन
यीशु मसीह का दूसरा आगमन परमेश्वर के प्रेम और उसके न्याय दोनों को प्रकट करेगा। उसका विलम्ब उसके प्रेम का प्रमाण है, क्योंकि वह हर आत्मा को बचाना चाहता है। लेकिन जब वह आएगा, तो वह न्याय के साथ आएगा (प्रकाशितवाक्य 19:11)।
बाइबल हमें सिखाती है कि परमेश्वर का धैर्य अनंत नहीं है; एक दिन ऐसा आएगा जब उद्धार का अवसर समाप्त हो जाएगा। यीशु मसीह का दूसरा आगमन उस दिन को चिह्नित करेगा जब प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्मों का हिसाब देना होगा।
यह विलम्ब हमें यह भी सिखाता है कि परमेश्वर का प्रेम और उसका न्याय एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं। वह पापियों को मन परिवर्तन का अवसर देता है, यीशु मसीह का दूसरा आगमन इस संतुलन को पूर्ण करेगा—प्रेम से भरी प्रतीक्षा और न्याय से भरा आगमन।
हमारा कर्तव्य: प्रतीक्षा और प्रचार
यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा, यह जानने से ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम उस दिन के लिए क्या कर रहे हैं। बाइबल हमें जागते रहने, प्रार्थना करने और सुसमाचार का प्रचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है (मरकुस 13:33)।
यीशु मसीह का दूसरा आगमन की देरी का मतलब यह नहीं है कि हम निष्क्रिय हो जाएँ। बल्कि, यह हमें और भी ज़्यादा जोश के साथ उसके राज्य के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।
हर विश्वासी का कर्तव्य है कि वह अपने जीवन को पवित्र करे और दूसरों को मसीह के प्रेम की ओर ले जाए। यीशु मसीह का दूसरा आगमन अनिश्चित समय पर होगा, लेकिन हमारी तैयारी निश्चित होनी चाहिए।
यह देरी हमें अपने पड़ोसियों, दोस्तों और यहाँ तक कि दुश्मनों तक परमेश्वर के प्रेम का संदेश पहुँचाने का समय देती है।
निष्कर्ष
कोई नहीं जानता कि यीशु मसीह का दूसरा आगमन कब होगा। परमेश्वर ने यह रहस्य इसलिए रखा है ताकि हम समय की गणना करने के बजाय अपने जीवन को उसके हवाले कर दें। उसका विलम्ब उसके प्रेम का प्रमाण है – पापियों के लिए एक अवसर और विश्वासियों के लिए तैयारी का समय।
बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि वह आएगा, और उसका आगमन शानदार होगा (तीतुस 2:13)।
इसलिए, जब हम यीशु मसीह के दूसरे आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो हमें निराश या अधीर नहीं होना चाहिए। यह परमेश्वर की दया का समय है। यह परिवर्तन, प्रार्थना और उपदेश का समय है।
यीशु मसीह का दूसरा आगमन निश्चित है, और जब वह आएगा, तो वह अपने साथ शांति, न्याय और अनंत जीवन लाएगा। क्या हम उस दिन के लिए तैयार हैं?

लेखक: पास्टर अनिमेष कुमार
बाइबल शिक्षक, पास्टर, सुसमाचार प्रचारक,
संस्थापक: “येशु आने वाला है मिनिस्ट्री”
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