आप सभी भाई बहनों को प्रभु यीशु मसीह के नाम में जय मसीह की, आप सभी का Yeshu Aane Wala Hai Blog मैं स्वागत है। इस लेख में हम Bible Padhne Ke सही तरीके और Bible को कैसे पढ़ें इसके विषय में विस्तार से सीखेंगे। आज के समय में बहुत सारे लोग प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं, और चर्च भी जाते हैं, लेकिन जब बात बाइबल को पढ़ने की आती है तब बहुत सारे लोग बाइबिल को नहीं पढ़ पाते हैं। इसका कारण यह होता है कि बहुत सारे लोगों को Bible Padhne Ka Sahi Tarika मालूम नहीं होता है, जिसकी वजह से जब भी वह बाइबल पढ़ने की कोशिश करते हैं वह बाइबिल को सही रीती से समझ नहीं पाते है, और पढ़ना छोड़ देते हैं। आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको बाइबिल को पढ़ने का सही तरीका बताने वाला हूं, अगर आप इन बातों को जो मैं आज आपको इस लेख के माध्यम से सब बताऊंगा उसे अगर आप समझ जाएंगे, तो आप भी बाइबल को सही से पढ़ सकते हैं और समझ भी सकते हैं।
मैं आपको आज Bible पढ़ने का सही तरीका बताऊंगा, जिससे आप बाइबिल को बहुत ही आसानी से पढ़ सकेंगे। तो चलिए आज मैं आपको Step By Step Bible Padhne Ka Sahi Tarike के बारे में बताऊंगा।
Bible Padhne Ka Sahi तरीका क्या होता है?
दोस्तों वैसे तो बहुत सारे लोग बाइबल को पढ़ते हैं लेकिन बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो Bible Padhne Ka Sahi Tarika हैं। क्योंकि अगर हम बाइबल को एक आम किताब की तरह पड़ेंगे तो हो सकता है कि हमें बाइबल की बातें समझ में ना आए, इसलिए हमें बाइबल को सही तरीके से पढ़ने की बहुत जरूरत है। अगर आप बाइबिल को सही रीती से पढ़ेंगे तो आप बाइबिल को आसानी से समझ भी पाएंगे।
Bible – बाइबिल कोई आम किताब नहीं है जिसे किसी इंसान ने अपनी सोच समझ से लिखा हो, बाइबल परमेश्वर की प्रेरणा के द्वारा लिखा गया है। जैसा कि बाइबल में लिखा है, बाइबिल परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। (2 तीमुथियुस – अध्याय 3:16) इसलिए हम बाइबल को अपनी बुद्धि के अनुसार पढ़कर नहीं समझ सकते इसके लिए हमें परमेश्वर की आत्मा की अगुवाई और मदद की जरूरत होगी।
Spirit of God- परमेश्वर की आत्मा यानी की पवित्र आत्मा जिसके विषय में प्रभु यीशु मसीह ने कहा था कि वह हमें सब बातें जो यह यीशु मसीह ने कही है विस्तार से सिखाएंगे, जैसा की बाइबिल हमें बताती है परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। (यूहन्ना – अध्याय 14) इसीलिए पवित्र आत्मा के द्वारा बाइबिल को समझना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
बाइबल को पढ़ने से पहले प्रार्थना करें – Pray Before Reading The Bible
अगर आप लोग बाइबल पढ़ते हैं तो आपने ध्यान दिया होगा की बाइबल पढ़ने के बाद आपको कुछ भी सही सही याद नहीं रहता जो कि आपने बाइबल में पढ़ा है। यह इसलिए होता है क्योंकि बाइबल पढ़ने से पहले कुछ बातों को हमें अपने जीवन में लागू करना होता है जो कि एक विश्वासी के लिए बहुत ही जरूरी है। बहुत सारे लोग बाइबल को गलत तरीके से पढ़ते हैं इसके परिणाम स्वरूप उन्हें बाइबल की बातें समझ में नहीं आती है, इसीलिए हम अब अच्छे से Bible Padhne Ka Sahi Tarika के विषय में Step By Step विस्तार से सीखेंगे।
बाइबिल को पढ़ने से पहले – Before Reading The Bible
Step 1 (Pray Before Reading The Bible ) – जब भी आप बाइबल पढ़ने के लिए तैयार हो तब आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना होगा की बाइबल पढ़ने से पहले आपको प्रार्थना करनी है। क्योंकि जब भी आप प्रार्थना के साथ बाइबल को पढ़ते हैं तो परमेश्वर की आत्मा आपको बाइबल को समझने के लिए बुद्धि प्रदान करते हैं, इसलिए हमेशा इस बात को याद रखें कि बाइबल पढ़ने से पहले प्रार्थना करनी जरूरी है। क्योंकि बाइबल हमें बताती है कि संपूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर के आत्मा की प्रेरणा के द्वारा रचा गया है इसीलिए जब हम पवित्र शास्त्र यानी कि बाइबिल को पढ़ते हैं तो आत्मा की सहायता की जरूरत होती है। और जब हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें पवित्र आत्मा की सहायता दें ताकि हम बाइबल को अच्छे से पढ़ सके, तो पवित्र आत्मा हमारी सहायता करते हैं, Bible Padhne Ka Sahi Tarika समझने के लिए। इसलिए प्रार्थना जरूर करें, बाइबल पढ़ने से पहले।
Step 2 (Pray After Reading The Bible) – जब आपका बाइबल का पढ़ना समाप्त हो जाए उसके बाद भी आप उन सारे वचनों के लिए जिसको आपने बाइबिल से पढ़ा है उन वचनों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करें, ताकि जो वचन आपने पढ़े हैं उनको याद रखने में उनकी गहरी बातों को समझने में पवित्र आत्मा आपकी सहायता करें। जब भी आप बाइबल पढ़ने के बाद प्रार्थना करते हैं कि परमेश्वर जो आज हमने बाइबिल में से पढ़ा है उन बातों को याद रखने में हमारी सहायता आप करें, तब पवित्र आत्मा आपको सारी बातों को फिर से मनन करने और याद रखने में सहायता करते हैं, इसीलिए हमेशा याद रखें, कि बाइबल पढ़ने से पहले प्रार्थना करके बाइबिल पढ़ना शुरू करें, और उसके बाद बाइबल पढ़ना खत्म करने के बाद भी फिर से प्रार्थना करें, ताकि सारी बातें जो आपने पढ़ी है वो आपको याद रह सके।
बाइबल को बिच-बिच में से ना पढ़ें – Don’t Read The Bible From The Middle
जब भी हम बात करते हैं बाइबिल को सही तरीके से पढ़ने के विषय में तब हमें याद रखने की जरूरत है कि Bible Padhne Ka Sahi Tarika कौन सा है? वैसे तो सभी को यही लगता है कि जैसे वह बाइबल पढ़ते हैं वही तरीका सही होता है। लेकिन अगर हम बात करते हैं एक सही और अच्छे तरीके की जिसके माध्यम से हम बाइबल को बहुत ही आसानी से पढ़ सकते हैं तो हमें उन बातों पर गौर करने की जरूरत है जिनके विषय में बाइबल हमें बताती है। जब हम बाइबल को अच्छे रीती से पढ़ते हैं तब हमें पता चलता है कि बाइबल का वचन केवल पढ़ने के लिए नहीं परंतु हमारे जीवनों में लागू करने के लिए हैं ताकि हमारे जीवन में बदलाव हो सके।
बाइबल पढ़ना कहाँ से शुरू करें? – Where To Start Reading The Bible?
Step 1 (Don’t Read From The Middle) – बहुत बार ऐसा होता है कि लोग बाइबल को जहां से मन करता है वहीं से पढ़ना शुरू कर देते हैं। इसलिए उनको Bible Padhne Ka Sahi Tarika समझमें नहीं आता है, लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है अगर आप बीच-बीच में से बाइबल को पड़ेंगे तो आप बाइबिल को सही रीति से समझ नहीं पाएंगे। इसका परिणाम यह होगा कि आपको बाइबल की बातें समझ में नहीं आएगी और आप दुविधा में पड़ जाएंगे, कि जो मैंने पढ़ा है वह समझ में क्यों नहीं आ रहा है। इसलिए बाइबल को आप जब भी पढ़ें शुरू से पढ़ें, और बाइबल पढ़ने के बाद जहां पर आप पढ़ना खत्म कर देते हैं अगले दिन उसी जगह से आगे बढ़े, इस रीति से बाइबल पढ़ने से आपको बाइबल की सारी बातें आसानी से समझ में आने लगेगी।
और आपको एक बात का ध्यान हमेशा रखना है कि बाइबिल को लेकर आंख बंद करके कोई भी पन्ना खोल कर ना पढ़ें। क्योंकि बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं कि वो बाइबिल को हाथ में लेकर यह सोचते हैं कि जो भी पेज या पन्ना खुलेगा, वहीं से हम बाइबिल पढ़ना शुरू करेंगे, आपका ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं होगा।
Step 2 (New And Old Believers) – कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि जो लोग नए विश्वासी होते हैं यानी कि जिन्होंने अभी-अभी प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया हुआ होता है, उनको यह नहीं पता होता कि बाइबल को किस रीती से पढ़ना सही रहेगा या कहां से पढ़ना सही होगा। ऐसे में वे नए विश्वासी अपनी समझ और बुद्धि के अनुसार बाइबल को पढ़ना शुरू कर देते हैं और वह कभी पुराने नियम से थोड़ा और कभी नए नियम से थोड़ा पढ़ते हैं, इस प्रकार से जोड़ जोड़ कर पढ़ना शुरू कर देते हैं। और ऐसा करने के कारण जो नए विश्वासी होते हैं उन्हें बाइबिल समझ में नहीं आती और वह धीरे-धीरे बाइबिल को पढ़ना बंद कर देते हैं। तो फिर बाइबिल को पढ़ने का सही तरीका क्या होना चाहिए? अगर आप एक नए विश्वासी हैं तो आपके लिए Bible Padhne Ka Sahi Tarika यही होगा, कि आप पहले नए नियम को पढ़ना शुरू करें। और जब आप नया नियम पढ़ चुके हो उसके बाद ही आप पुराने नियम को पढ़ें, इससे आपको बाइबल की बातें समझ में आएंगी, और जो बातें पुराने नियम में लिखी गई हैं, उन्हें भी आप बहुत ही आसानी से समझ पाएंगे।
इस लेख के विषय में और अधिक जानने के लिए इस वीडियो को जरूर देखें।
इस वीडियो में Bible Padhne Ka Sahi Tarika क्या है और बाइबिल को पढ़ने से पहले क्या करना जरूरी है इन सारी बातों की जानकारी दी गई है, इसलिए इस वीडियो को अवश्य देखें ।
Conclusion
दोस्तों, अब मैं आपको इस लेख के अंत में अपना अनुभव बताना चाहता हूं, जिससे आपको भी Bible Padhne Ka Sahi Tarika क्या है पता चल सके। बाइबिल को सिर्फ एक किताब की तरह ना पढ़ें, अगर अब सही रीति से बाइबिल को पढ़ना चाहते हैं तो आपको इन बातों पर हमेशा ध्यान देना होगा, जिन के विषय में मैंने इस लेख में आपको लिखकर बताया है। क्योंकि जब मुझे यह सारी बातें नहीं पता थी तब मैं भी अपने मर्जी से बाइबल को पड़ता था लेकिन कुछ समझ में नहीं आता था। लेकिन जब से मैंने बाइबल पढ़ते समय इन सारी बातों पर ध्यान दिया तब से मैं बाइबिल को अच्छे से समझ पाता हूं, और दूसरों को समझा भी पाता। इसलिए अब मैं यह विश्वास करता हूं कि अगर आपने इस लेख को पूरा पढ़ा है और इसमें बताए गए बिंदुओं पर धयान दिया हैं तो आप भी बाइबल को सही रीति से पढ़ पाएंगे, और समझ कर दूसरों को समझा भी पाएंगे। धन्यवाद
FAQ
Ques – 1 बाइबल पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
बाइबल पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका ये की आप जब भी बाइबल को पढ़ें पहले आप प्रार्थना जरूर करें। उसके बाद बाइबल को पढ़ना शुरू करें, ऐसा करने से आप पवित्र आत्मा के सामर्थ को प्राप्त कर सकते हैं और पवित्र आत्मा के द्वारा बाइबिल को समझ भी सकते हैं। बाइबिल को कभी भी एक आम किताब समझ करना पड़े जैसे कि संसार में बहुत सारी किताबें हैं, लेकिन जब भी आप बाइबल पढ़ने इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बाइबिल कोई संसारी किताब नहीं है परंतु बाइबल परमेश्वर का वचन है जो हर विश्वासी के लिए आत्मिक भोजन है। और जब आप बाइबल को अपने आत्मिक जीवन की उन्नति के लिए पढ़ते हैं और परमेश्वर का वचन समझकर उसे ग्रहण करते हैं तब आप बहुत आसानी से बाइबिल को समझ भी पाएंगे।
- प्रार्थना के साथ बाइबिल को पढ़ना शुरू करें।
- बाइबल को बीच-बीच में सेना पढ़ें।
- बाइबल पढ़ने के लिए टारगेट सेट ना करें।
- बाइबिल को आम किताब समझकर ना पढ़ें।
- बाइबल पढ़ते समय नोट्स जरूर बनाएं।
Ques – 2 बाइबल पढ़ने से क्या फायदे होते हैं?
- बाइबल हमें बताती है कि कौन स्वर्ग जाएगा और कौन मर जाएगा।
- बाइबल में लिखा है मनुष्य के लिए उधार का एक ही मार्ग है वह है यीशु मसीह।
- पवित्र जीवन जीने की शिक्षा मिलती है।
- बाइबल हमारे आत्मज्ञान को बढ़ाता है।
- मनुष्य के पाप से मुक्ति के बारे में बाइबल में लिखा गया है।
- पवित्र शास्त्र के वचन हमारे जीवन में बंधनों को तोड़ता है।
- बाइबल परमेश्वर के वायदों को हमें याद दिलाता है।
Ques – 3 बाइबल पढ़ना कैसे शुरू करें?
- प्रार्थना के साथ बाइबिल को पढ़ना शुरू करें।
बाइबिल को पढ़ने से पहले परमेश्वर से प्रार्थना जरूर करें, कि परमेश्वर हम आपके वचन को पढ़ने जा रहे हैं और आप हमें मदद करें आप के वचनों को समझने के लिए पवित्र आत्मा के द्वारा समझने के लिए परमेश्वर हमारी मदद करें। जब आप इस प्रकार से प्रार्थना करेंगे बाइबिल को पढ़ने से पहले तो आपको बाइबल बहुत आसानी से समझ में आएगा और पवित्र आत्मा आपकी सहायता भी करेंगे उन बातों को समझने के लिए जिन्हें आमतौर पर लोग समझ नहीं पाते हैं। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें बाइबिल पढ़ना शुरू करने से पहले प्रार्थना जरूर करें।
Ques – 4 पवित्र बाइबल कितने साल पुरानी है?
बाइबिल लग भाग 1200 ई. पू. से 100 ई. तक माना जाता है। इस विषय पर बहुत सारे लेखक इस बात की सहमति जताते हैं।
Ques – 5 बाइबल को लिखने में कितने साल लगे?
बाइबल स्कॉलर्स की माने तो पूरे बाइबल को लिखने में लगभग 16 सौ साल से भी ज्यादा का समय लगा है। इसे अलग-अलग वक्त में 40 से ज्यादा लोगों ने लिखा है, और यह सारे लोग अलग-अलग समाज से थे और इनका पेशा भी एक दूसरे से भिन्न था, इनमें से कुछ तो मछुआरे थे, कुछ किसान थे, कुछ चरवाहे थे, कुछ नबी थे, कुछ राजा थे कुछ न्यायी थे,और राजा भी थे।