याकूब और एसाव की कहानी | Jacob And Esau Story

याकूब और एसाव की कहानी | Jacob And Esau Story

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Page No. 3

याकूब और एसाव की कहानी में आगे

स्वर्ग तक एक सीढ़ी | A stairway to heaven

जब रिबका ने एसाव की याकूब को मारने की योजना को सुना। तो उसने याकूब को मेसोपोटामिया अपने भाई के घर भाग जाने के लिए कहा। वह जानती थी कि याकू इतनी दूर स्थान मैं जाकर रहेगा तो सुरक्षित रहेगा। रिबिका कहने के अनुसार याकूब एसाव से बचने के लिए अपने मामा के घर जाने को निकल पड़ा। उत्पत्ति 27:42-45,

 

याकूब ने स्वप्न में पृथ्वी और स्वर्ग के बीच एक सीढ़ी को देखा

संध्या के समय याकूब एक ऐसे स्थान पर पहुंचा, जहां उसने रात बिताई। एक पत्थर पर सिर टिका कर, सोने के लिए वह लेट गया। एक सपना देखा। और उसने उस सपने में पृथ्वी और स्वर्ग के बीच एक सीडी को देखा। स्वर्गदूत उस पर ऊपर और नीचे आ जा रहे थे। और प्रभु उसके पास खड़ा था। उसने कहा मैं अब्राहम और इसहाक का परमेश्वर हूं। यह भूमि, मैं तुझे और तेरी संतानों को दूंगा। वह संख्या में बहुत हो जाएंगे। वह चारों तरफ फैल जाएंगे। तेरे और तेरे संतानों के द्वारा, मैं सब जातियों को आशीष दूंगा। देख, तू जहां कहीं भी जाएगा, मैं तेरे साथ रहूंगा। मैं तुझे वापिस इस देश में लौटा ले आऊंगा। जो प्रतिज्ञा मैंने तुझसे की है जब तक उसे पूरी ना कर लूं मैं तुझे नहीं छोडूंगा। उत्पत्ति 28:10-15,

याकूब और एसाव की कहानी | Jacob And Esau Story

याकूब नींद से जाग उठना

याकूब जाग उठा और उसने कहा, प्रभु इस स्थान पर है, परंतु मैं नहीं जानता था! वह डर गया और उसने कहा, इस स्थान से मुझे डर लगा है! यह संभवत: परमेश्वर का भवन है। यह तो स्वर्ग का द्वार होगा। उसने अपने सिर के नीचे से पत्थर उठाया और उस स्थान पर चिन्ह करके खड़ा किया। और उस पर तेल उंडेला और उसे विशेष स्थान करके ठहराया। उसने उसका नाम “बेतेल” रखा जिसका अर्थ है परमेश्वर का भवन। तब याकूब ने एक मन्नत मानी, प्रभु, यदि तू मेरे साथ रहेगा, और मार्ग में मेरी रक्षा करेगा और मुझे रोटी और कपड़ा देगा, और यदि तू मुझे पुनः सुरक्षित मेरे घर ले आएगा, तब तू मेरा परमेश्वर होगा।

मैंने यह पत्थर यहां तेरी आराधना का स्थान होने के लिए ठहराया है । योग कुछ तो मुझे देगा मैं उसका दशमांश तुझे दूंगा । उत्पत्ति 28:16-22,

याकूब का परमेश्वर के साथ मल्लयुद्ध करना | Jacob’s wrestling with God

याकूब अपने मामा लाबान के घर सुरक्षित पहुंच गया। लाबान की भेड़ बकरियों की देखभाल करते हुए उसने बहुत वर्ष तक काम किया। उसने लाबान की पुत्रियों लिया और राहेल से विवाह किया। याकूब की बहुत संतान हुई और वह धनवान हो गया। बाद में याकूब ने अपने घर लौट जाने का निश्चय किया। उसने और उसके परिवार ने यात्रा शुरू कर दी। परंतु याकूब अपने भाई से मिलने से डरता था जिसे उसने धोखा दिया था। उस सेवकों को भेड़ बकरियों के साथ अपने से पहले भेजा। उसने अपने भाई को 500 जानवर देने की योजना बनाई। उसे आशा थी कि इतना बड़ा उपहार उसके भाई एसाव को सब कुछ भुलाने में सहायता करेगा।

परमेश्वर के साथ मल्लयुद्ध

याकूब ने अपने परिवार और भेड़ बकरियों के गुंडों को नदी के पार भेज दिया, और स्वयं अकेला पीछे रह गया। उस रात एक मनुष्य आया और याकूब के साथ भोर होने तक मल्लयुद्ध करता रहा। उस मनुष्य ने देखा कि वह उससे जीत नहीं रहा तब उसने याकूब की जांग पर मारा और याकूब की नस चढ़ गई। उस मनुष्य ने कहा, मुझे जाने दे क्योंकि बोर हो रही है। याकूब ने उत्तर दिया, मैं तुझे कब तक ना जाने दूंगा जब तक तू मुझे आशीष ना देगा। उस मनुष्य ने पूछा, तेरा क्या नाम है? उसने कहा, मेरा नाम याकूब है।

उस मनुष्य ने कहा, तेरा नाम अब से याकूब ना रहेगा। तूने परमेश्वर से और मनुष्यों से युद्ध किया है और तू जीत भी गया है। इसीलिए तेरा नाम इस्राएल होगा। याकूब ने कहा, अब तू मुझे अपना नाम बता। परंतु उसने उत्तर दिया, तू मेरा नाम क्यों जानना चाहता है? तब उसने याकूब को आशीष दी। याकूब ने कहा, मैंने परमेश्वर को आमने सामने से देखा है, और मैं जीवित हूं। इसीलिए उससे उस स्थान का नाम पनीएल रखा, जिसका अर्थ है परमेश्वर का मुख। जब याकूब पनीएल से आगे निकला तब बोर हो रही थी। वह नस चढ़ने के कारण लंगड़ा रहा था। उत्पत्ति 32:22-32,

याकूब और एसाव की कहानी | Jacob And Esau Story

उसी दिन दोनों भाई आपस में मिले हैं। जैसे ही एसाव , याकूब की ओर दौड़ा, याकूब का डर दूर हो गया। मैं दोनों गले मिले और एक दूसरे को चूमा। बे आनंद के आंसुओं से रोये। उन्होंने थोड़ी देर बातचीत की। तब एसाव अपने रास्ते एदोम को वापस चला गया। याकूब और उसके सभी साथी धीरे धीरे चले। देख कनान देश के शकेम शहर में सुरक्षित पहुंच गए। याकूब अपने पैतृक देश में पुनः लौट आया था। उत्पत्ति 33:1-19,

FAQ

Ques – 1 याकूब और एसाव के बीच क्या संबंध है?

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Ans. बाइबिल (पुराने नियम) के अनुसार, याकूब एसाव का छोटा जुड़वां भाई था। ये दोनें इसहाक और रिबका के बेटे थे। ये दोनों दो अलग-अलग स्तरों के प्रतिनिधि करते हैं। याकूब एक चरवाहा था। और एसाव एक खानाबदोश शिकारी था

Ques – 2 याकूब और एसाव की कहानी क्या है?

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Ans. याकूब और एसाव की कहानी | Jacob And Esau Storyयाकूब और एसाव दो सगे जुड़वा भाई थे। इन दोनों के पिता का नाम इसहाक था। याकूब ने अपने भाई का रूप धारण करके, अपने पिता इसहाक की अंतिम आशीष को प्राप्त किया था। या छीन लिया था। और इस प्रकार का काम करने के लिए उसकी मां रिबका ने उसे प्रेरित किया था। इस वजह से इन दोनों भाइयों में झगड़ा उत्पन्न हुआ, और कई वर्षों के बाद फिर से इन दोनों का मेल हो गया। इसकी बीच की कहानी में हम जान सकते हैं की याकूब अपना घर छोड़कर भाग गया था। और उसका परमेश्वर के संग मल्लयुद्ध भी हुआ था। और परमेश्वर ने उसका नाम याकूब से बदलकर इसराइल रख दिया था।

Ques – 3 एसाव का आशीर्वाद क्या था?

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Ans. याकूब ने अपने भाई का हक छीन लिया था। जब एसाव अपने पिता के पास गया और उनसे कहा, पिता जी क्या मेरे लिए तेरे पास एक और आशीर्वाद नहीं है? तू मुझे आशीर्वाद दे। और एसाव जोर जोर से रोने लगा। इस पर उसके पिता ने उसे जो आशीर्वाद दिया वह यह है। आसमान से तेरे लिए ओस नहीं पड़ेगी, तुझे अच्छे खेत भी नहीं मिलेंगे। तू तो अपने भाई का दासी होगा, परंतु याद रख तू एक योद्धा भी होगा। जब तू लड़ेगा, तो तू स्वतंत्र मनुष्य हो जाएगा।

Ques – 4 याकूब ने सपने में क्या देखा था?

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Ans. जब याकूब ने अपने पिता और भाई से धोखा किया, तो उसके भाई को बहुत गुस्सा आया, और उसने याकूब को घात करने के विषय में विचार किया। लेकिन उसकी मां को यह पता चल गया, और उन्होंने याकूब को भागकर उसके मामा के घर जाने के विषय में कहा । जब याकूब अपने मामा के घर जा रहा था तो रास्ते में वह एक स्थान में सो गया । और उसे एक सपना दिखाई दिया जिसमें एक सीढ़ी है जो पृथ्वी से स्वर्ग तक है और स्वर्गदूत उसमें आना-जाना कर रहे थे ।

 

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