दोस्तों, आप सभी का हमारे एक और लेख के माध्यम से Yeshu Aane Wala Hai Blog मैं स्वागत है। आज के इस लेख के माध्यम से हम जानने वाले हैं, कलीसिया क्या है? | What is the church? इसके बारे में हम जानेगे। कि कलीसिया शब्द क्या है? यह कहां से आया है। और कलीसिया का अर्थ क्या होता है? क्या कलीसिया कोई बिल्डिंग या घर को कहा जाता है? इन सारे सवालों के जवाब आज इस लेख के माध्यम से मैं आप लोगों को देने जा रहा हूं। इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें, ताकि आप इन बातों को और अच्छे से समझ सके। धन्यवाद
कलीसिया क्या है? चर्च क्या है?
कलीसिया क्या है? यह एक यूनानी शब्द है जिसका अनुवाद अंग्रेजी में चर्च कहकर किया गया है। कलीसिया का अर्थ वास्तव में ” एक मंडली ” या ” एक जनसभा ” है। किन्तु कलीसिया का अर्थ घर या कोई स्थान बिल्कुल भी नहीं है। कलीसिया के बारे में बाइबल में लिखा है, कि कलीसिया उन लोगों की एक मंडली है, जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाकर अपना मन फिरा लिया है। और उद्धार पाने के लिए उसकी आज्ञा को मानना है, अर्थात कलीसिया उधर या मुक्ति पाए हुए परमेश्वर के लोगों की एक मंडली है।
क्या कोई घर या बिल्डिंग कलीसिया है?
कलीसिया क्या है? एक स्थान पर जमा होने के लिए कलीसिया को एक घर या जगह की जरूरत होती है, पर घर या जगह किसी भी रूप में वास्तव में कलीसिया नहीं है। किसी जगह, स्थान, घर या भवन को कलीसिया कहकर संबोधित करना बिल्कुल गलत बात है। कलीसिया केवल पवित्र लोगों की संगति या सभा है, और इसके लिए लोगों को एक जगह एकत्रित होना पड़ता है और जिस जगह लोग एकत्रित होते हैं वह कलीसिया नहीं है परंतु जो लोग एकत्रित होते हैं वह कलीसिया हैं।
बाइबल के अनुसार कितनी कलीसियाएँ हैं?
सही मायने में कलीसिया क्या है? ” कलीसिया “ को एक बड़े विश्वव्यापी रूप में भी देखा जा सकता है अर्थात, एक ऐसा समूह जिसमें संसार में के सभी मसीही शामिल है। जब प्रभु यीशु मसीह ने कहा था कि ” मैं अपनी एक कलीसिया बनाऊंगा,” ( मत्ती 16:18 ), तो यीशु मसीह के खाने का सही अभिप्राय था। परंतु किसी भी स्थान पर जब मसीही लोग एकत्रित होते हैं तो उसे भी कलीसिया माना जाता है। ( 1 कुरिन्थियों 1:2 )
कलीसिया क्या है? परमेश्वर की आराधना करने के लिए जमा हुए मसीही लोगों की मंडली एक कलीसिया कहलाती है। कलीसिया केवल एक ही है। परंतु अलग-अलग देश में, और अलग-अलग शहरों, और अलग-अलग स्थान पर उस एक कलीसिया की अनेक मंडलियां है।
कलीसिया एक ही है पर नाम अलग-अलग है
प्रभु यीशु मसीह की एक ही कलीसिया है पर अलग-अलग देश में अलग-अलग शहरों के नाम से संबोधित किया जाता है। जैसे कि हम बाइबल में पढ़ते हैं, ” यरूशलेम की कलीसिया ” या कुरिन्थिस की कलीसिया। “ ( प्रेरितों 8:1, प्रेरितों 11:22, रोमियों 16:1, 1 कुरिन्थियों 1:2, 2 कुरिन्थियों 1:1, 1 थिस्सलुनीकियों 1:1, 2 थिस्सलुनीकियों 1:1, ) फिर जैसे, गलातियों की कलीसिया ( गलातियों 1:2, गलातियों 1:22, 1 थिस्सलुनीकियों 2:14, 1 कुरिन्थियों 16:1 और 19, प्रकाशित. 1:4 )।
कलीसिया क्या है? कलीसिया तो एक ही है, इसीलिए उसे एक कलीसिया की मंडली को बिना कोई सांप्रदायिक नाम दिए आसानी से कहीं पर भी पहचाना जा सकता है, जैसे कि यह कहकर की कलीसिया जो किसी मसीही के घर में मिलती है ( रोमियों 16:5, ) ( 1 कुरिन्थियों 16:19, )।
आज कलीसिया क्या है? किस नाम से जानी जाती है?
एक और बड़ी ही खास बात बाइबल से हमें सीखने को मिलती है, कलीसिया क्या है? कि जहां कहीं भी कलीसिया के बारे में कुछ लिखो या कहा गया है तो उसका वर्णन ऐसे शब्दों के द्वारा किया गया है जिसे पिता परमेश्वर और यीशु मसीह का नाम ऊंचा हो, अर्थात महिमा कलीसिया के द्वारा परमेश्वर और मसीह को ही मिले, न कि किसी मनुष्य को। ( 1 कुरिन्थियों 1:10-17, )
कलीसिया क्या है? बाइबल में कलीसिया को ऐसे नाम से कभी भी और कहीं भी नहीं संबोधित किया गया है, जैसे कि आज के समय में किया जाता है, उदाहरण के लिए ” सेंट पॉल चर्च, के नाम से ” ” सेंट पीटर चर्च, के नाम से ” या फिर ” सेंट मैरी चर्च, के नाम से ” इसके अलावा ” सेंट जॉन चर्च, के नाम से “ इत्यादि।
बाइबल में कलीसिया को क्या कहा गया है?
जब हम बात करते हैं, कलीसिया क्या है? तो हमें यह भी जानना जरूरी है की कलीसिया को बाइबल में क्या कहा गया है? और किस नाम से पुकारा गया है। ” परमेश्वर का घराना “ ( 1 तीमुथियुस 3:15 ) ” परमेश्वर की कलीसिया “ ( 1 कुरिन्थियों 1:2, और 10:32, और 11:16, और 22, और 15:9, 2 कुरिन्थियों 1:1, गलातियों 1:13, 1 थिस्सलुनीकियों 1:4, 1 तीमुथियुस 3:5, प्रेरितों 20:28), ” जीवते परमेश्वर की कलीसिया “ ( 1 तीमुथियुस 3:15 ) ” मसीह की कलीसिया “ ( रोमियों 16:16 ) या जो ” परमेश्वर पिता और प्रभु येशु मसीह में है।
कलीसिया को परमेश्वर का मंदिर भी है
बाइबिल में कुछ ऐसे विशेष शब्दों को भी उपयोग में लाया गया है, जिनके द्वारा कलीसिया के स्वभाव पर प्रकाश डाला गया है। कलीसिया क्या है? कलीसिया परमेश्वर का मंदिर है, क्योंकि परमेश्वर व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने लोगों के भीतर रहता है। ( 1 कुरिन्थियों 3:16-17, 6:19-20 )। परमेश्वर का यह मंदिर पृथ्वी पर के ईंट और पत्थरों से नहीं; पर उनके लोगों से जिन्हें बाइबल में जीवित पत्थर कहकर संबोधित किया गया है, बना हुआ है। ( 1 पतरस 2:5, )
कलीसिया क्या है? कलीसिया को मसीही की दहे और मसीही को कलीसिया का सिर कहकर संबोधित किया गया है। ( इफिसियों 1:22-23, 4:4, और 15-16, कुलुस्सियों 1:18, )। कलीसिया एक ऐसी देह है जिसके भीतर सारे लोग अलग-अलग अंगों के समान हैं, और जिस प्रकार एक मनुष्य की देह में बहुत से अंग होते हैं जो अलग-अलग काम करते हैं, वैसे ही कलीसिया में सब लोग हैं जो भिन्न-भिन्न कार्य कर सकते हैं। ( रोमियों 12:4-8, 1 कुरिन्थियों 12:14-26 )
विश्वासी लोग कलीसिया के अंग हैं
कलीसिया क्या है? जिस प्रकार से मनुष्य की एक देह के भीतर सभी प्रकार के अंग रहते हैं, वैसे ही कलीसिया अर्थात मसीह की देह में भी हैं, यानी संगति में रहकर सदस्य आपस में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। मसीही की कलीसिया में अनेक लोग आपस में दुख और सुख बनते हैं, कलीसिया कई प्रकार से एक संगति के समान है। कलीसिया को बाइबल में मसीह की दुल्हन के रूप में भी दर्शाया गया है, जिसका अभिप्राय इस बात से है कि जो लोग उसकी कलीसिया में हैं वह एक पवित्र जीवन निर्वाह करें।
कलीसिया में यीशु मसीह का दर्जा
कलीसिया क्या है? कलीसिया का संगठन बड़ा ही साधारण है। मसीह का दर्जा कलीसिया में सबसे बड़ा है वह कलीसिया में मुख्य या उसका मुखिया है। इस बात को अनेक ढंग से बाइबल में समझाया गया है। यीशु मसीह को ” प्रधान रखवाला ” ( 1 पतरस 5:4 ), ” सिर ” ( इफिसियों 1:22-23, ) ” कोने का पत्थर ” ( इफिसियों 1:20, ) और ” नींव ” कहकर संबोधित किया गया है। ( 1 कुरिन्थियों 3:11, )
कलीसिया क्या है? अलग-अलग स्थान पर मसीह की कलीसियाओं में, प्रत्येक कलीसिया में, जो लोग कलीसिया की अगुवाई करते है, उन्हें हर एक कलीसिया में बाइबल में वर्णित कुछ विशेष योग्यताओं के आधार पर चुनकर नियुक्त किया जाता है, और वह प्राचीन, बुजुर्ग, रखवाले, अगुवे, बिशप या पास्टर कहलाते है। ( 1 तीमुथियुस 3:1-7, तीतुस 1:5-9, 1 पतरस 5:1-4, फिलिप्पियों 1:1, प्रेरितों 20:28, इफिसियों 4:11, 1 थिस्सलुनीकियों 5:12, इब्रानियों 13:17, )
कलीसिया में एक से अधिक पास्टर या अगवे थे
जब हम बात कर रहे हैं कलीसिया क्या है? तो हमें कुछ और महत्वपूर्ण बातों पर गौर करने की आवश्यकता है, जैसे कि प्रत्येक मंडली में या कलीसिया में काम से कम दो या इससे अधिक अगवे या पास्टर होते थे, और वह इस कलीसिया की अगुवाई करते थे। जिसके वे स्वयं सदस्य थे बहुत सारी कलीसियाओं के ऊपर एक अगवा या एक विषम नहीं होता था। प्रत्येक मंडली में अगुओं की सहायता करने के लिए सेवकों को भी चुनकर नियुक्त किया जाता था। ( 1 तीमुथियुस 3:8-13, फिलिप्पियों 1:1, )
क्योंकि प्रत्येक कलीसिया मसीह के अधीन रहकर उसके वचन के अगुवाई में एक ही शिक्षा पर अमल करती थी, इसलिए वह सब मंडलीय एकता के सूत्र में बंधी रहती थी।
कलीसिया का सदस्य कैसे बने?
अभी तक हमने कलीसिया के बारे में बहुत कुछ जान लिए है, लगभग हम अब तक यह जान चुके हैं की कलीसिया क्या है? अब हम यह जानेंगे कि एक व्यक्ति मसीह की कलीसिया का सदस्य या मेंबर कैसे बनता है? बाइबल के अनुसार, जो व्यक्ति मसीह में विश्वास लाकर अपना मन सभी अन्य बातों से और हर प्रकार के बुरे कामों से फिर लेता है, और फिर यीशु की आज्ञा मानकर अपने पापों की क्षमता के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करके क्षमा प्राप्त कर लेता है, और बपतिस्मा ले लेता है उसे मसीह स्वयं अपनी कलीसिया में मिला लेते हैं। ( प्रेरितों 2:38, -41, -47, )
कलीसिया में सदस्य बनने के बाद क्या करें?
जब एक व्यक्ति बाइबल के अनुसार मसीही कलीसिया का सदस्य बन जाता है तो उसे अन्य सभी मसीह लोगों की संगति की आवश्यकता होती है, जिसे हम चर्च कहते हैं। ( इब्रानियों 3:13, 10:24-25, ) मसीह जीवन में आगे बढ़ाने के लिए अन्य मसीही जनों की संगति की आवश्यकता होती है, इस कारण से मसीह ने कलीसिया को बनाया है।
आज के समय में जितने भी लोग प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करके उन्हें अपना उद्धार करता मानते हैं उन सभी लोगों को एक संगति की अति आवश्यकता होती है। और यह संगति कलीसिया के रूप में या फिर छोटे मंडली के रूप में भी हो सकती है। लेकिन हर एक विश्वासी को कलीसिया यानी चर्च में जाकर आराधना करना जरूरी है।
कलीसिया में कुछ गलत धारणाएं
जब हम कलीसिया के बारे में बात करते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं की कलीसिया क्या है? तो हर चीज कलीसिया में सही नहीं है आज के समय में कुछ ऐसी विचार और धारणाएं हैं जो कलीसिया में नहीं होनी चाहिए। कलीसिया के संबंध में पाई जाने वाली कुछ गलत धारणाओं पर भी विचार करना जरूरी है। मसीह ने जब अपनी कलीसिया की स्थापना की थी तो प्रेरित पतरस को प्रभु ने विशेष रूप से इस्तेमाल किया था, अर्थात उसने सबसे पहली बार मसीह के सुसमाचार को लोगों को सुनाया था, पर उसे कलीसिया का मुखिया या सिर नहीं ठहराया गया था।
परंतु पतरस प्रभु के सभी अन्य प्रेरितों के समान ही था, यदि कोई विशेष अधिकार उसे दिया गया था, तो वही अधिकार अन्य सभी प्रेरितों को भी दिया गया था। पतरस तथा अन्य प्रेरित कलीसिया के बुनियादी सदस्य थे, क्योंकि सबसे पहले उन्होंने ही मसीह के सुसमाचार का प्रचार किया था, और वे सब प्रेरित मसीह के पुनरुत्थान के गवाह भी थे। ( इफिसियों 2:20, 1 कुरिन्थियों 12:28, )
कलीसिया बुनियाद क्या है?
कलीसिया के बुनियाद को जाने बिना हम कलीसिया क्या है? इसके विषय में अच्छे से नहीं जान पाएंगे। कलीसिया की बुनियाद या नींव में स्वयं यीशु मसीह का एक बड़ा ही अहम किरदार है क्योंकि वोह उसे नींव में कोनी के सिरे का पत्थर है, अर्थात वही कलीसिया का आधार है। ( इफिसियों 2:20, 1 पतरस 2:6-8, ) खुद पौलुस ने भी लिखा था; ” क्योंकि उसे नींव को छोड़कर जो डाली गई है, और वह खुद यीशु मसीह है, और कोई दूसरी नींव नहीं डाल सकता।” ( 1 कुरिन्थियों 3:11, )
पतरस की भूमिका कलीसिया में
जब भी कलीसिया क्या है? इसकी चर्चा की जाएगी, तब पतरस का नाम जरुर लिया जाएगा क्योंकि यीशु मसीह ने पतरस को कलीसिया का नियुक्त ठहराया था। लेकिन बाइबल में कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा हुआ है कि पतरस “पोप” था और सारी कलीसिया उसके कहने पर चलती थी, और ना ही पतरस का कभी कोई उत्तराधिकारी था। एक बार जब एक व्यक्ति ने पतरस के सामने झुक कर उसे प्रणाम करने की कोशिश की थी, तो पतरस ने उसे ऐसा करने से यह कहकर मना किया था कि “मैं भी तो मनुष्य हूं”। ( प्रेरितों 10:25-26, )
और जब पतरस ने एक गलती की थी, तो एक अन्य प्रेरित ने उसे डांट भी लगाई थी। ( गलातियों 2:11 और 14, ) इसलिए जो लोग आज पतरस को कुछ खास महत्व देकर उसे कलीसिया में सबसे बड़ा मानते हैं, और कुछ लोगों को पतरस का उत्तराधिकारी मानकर उन्हें वह दर्जा देते हैं, जो वास्तव में कलीसिया में केवल मसीह यीशु का है। पतरस और शेष प्रेरित सभी लोग प्रभु यीशु मसीह के अधीन थे।
Conclusion
दोस्तों, अब मैं आपको इस लेख के अंत में यह बताना चाहता हूं, कि आज हमने एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा किया है जो की “कलीसिया क्या है?” आज इस लेख के माध्यम से और बाइबल के वचनों के द्वारा मैंने आपको यह समझने की पूरी कोशिश की है कि कलीसिया क्या है? या चर्च क्या है? क्या कलीसिया एक बिल्डिंग है? और बाइबल के अनुसार कितनी प्रकार की कलीसियाएं हैं? और जितने भी विश्वासी लोग है सब कलीसिया के अंग हैं।
कलीसिया में प्रभु यीशु मसीह का क्या दर्ज है? कलीसिया में एक पास्टर का होना क्यों जरूरी है? और कलीसिया में कौन सदस्य बन सकता है? सदस्य बनने के बाद कलीसिया में उसका कार्य क्या है? और अंत में हमने पतरस के जीवन से भी बहुत सारी बातों को सीखा है। इन सब बातों को जानने के बाद भी अगर आपके मन में कलीसिया क्या है? इसके विषय में और अधिक जानकारी चाहिए, तो आप हमें पोस्ट के नीचे कमेंट में लिखकर पूछ सकते हैं। प्रभु आपको आशीष दे आपके परिवार को सुरक्षित रखें। आमीन
FAQ
Ques – 1 कलीसिया क्या है?
Ans. कलीसिया क्या है? यह एक यूनानी शब्द है जिसका अनुवाद अंग्रेजी में चर्च कहकर किया गया है। कलीसिया का अर्थ वास्तव में ” एक मंडली ” या ” एक जनसभा ” है। किन्तु कलीसिया का अर्थ घर या कोई स्थान बिल्कुल भी नहीं है। कलीसिया के बारे में बाइबल में लिखा है, कि कलीसिया उन लोगों की एक मंडली है जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाकर अपना मन फिर आया है। और उधर पानी के लिए उसकी आज्ञा को मना है, अर्थात कलीसिया उधर या मुक्ति पाए हुए परमेश्वर के लोगों की एक मंडली है।
Ques – 2 कलीसिया का मतलब क्या होता है?
Ans. कलीसिया, मतलब है मसीही लोगों का समूह या मण्डली। कलीसिया मसीही विश्वासियों के समूह, या संगति को कहते हैं। जिन्हें ईसाई लोग या मसीही लोग भी कहा जाता है, जो एकमात्र परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, जिसने सब कुछ बनाया है। और जो लोग प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं उन्हें अपना उद्धारकर्ता मानते हैं उन लोगों की मंडली कलीसिया है।
Ques – 3 कलीसिया का उद्देश्य क्या है?
Ans. कलीसिया का उद्देश्य क्या है? कलीसिया प्रभु यीशु मसीह के द्वारा बनाई गई एक संगति है जो उद्धार पाए हुए लोगों को एकत्रित करती है, कलीसिया के द्वारा उन लोगों को सुसमाचार का प्रचार किया जाता है, जो प्रभु यीशु मसीह को नहीं जानते हैं ताकि वह लोग भी यीशु को अपने उद्धारकरता के रूप में जान सके और उनका भी उद्धार हो सके।
Ques – 4 कलीसिया का सिर कौन है?
Ans. बाइबल के अनुसार कलीसिया का सिर कोई पास्टर या कोई बिशप नहीं है, ना ही कोई पोप है। बाइबल इस विषय में बिल्कुल साफ है कि कलीसिया का सिर कोई मनुष्य नहीं है परंतु परमेश्वर का एकलौता पुत्र जो मुर्दों में से जी उठा वह प्रभु यीशु मसीह है।
आज मैंने जाना कलीसिया क्या है कलीसिया का उद्देश्य क्या है और कलीसिया किसे कहते हैं कलीसिया सदस्यों का कार्य क्या है,
भाई आपके ज्ञान को ईश्वर और बढ़ाएं और आशीष से परिपूर्ण करें ,,,, अमीन
God Bless You. सुशील मसीह Ji